सिद्धू हो रहे रिहा? पंजाब की राजनीति में फिर दिखेगी 'गुरु' की सरगर्मी, पटियाला जेल में हैं बंद
Sidhu Release From Jail News
Sidhu Release From Jail News : पटियाला जेल (Patiala Jail) में बंद पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई (Navjot Singh Sidhu Release From Jail) को लेकर अचानक खबरें तेज हो गई हैं| बताया जा रहा है कि, सिद्धू अगले साल 26 जनवरी 2023 को रिहा हो सकते हैं| इसका एक इशारा सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर डल्ला का एक ट्वीट भी है|
दरअसल, सलाहकार ने सिद्धू के जेल से रिहा होने के बाद की प्लानिंग के बारे में जानकारी दी है| सलाहकार द्वारा कही जा रही सिद्धू की रिहाई की बात के कई मायने निकाले जा रहे हैं| फिलहाल, कुछ भी हो जेल से रिहा होने के बाद जब सिद्धू फिर से पंजाब की राजनीति में सक्रिय होंगे तो सरगर्मी बढ़ जाएगी| देखना यह होगा कि जेल से आने के बाद सिद्धू किस तरह के बदलाव के साथ अपने कदमों को आगे बढ़ाते हैं|
सलाहकार ने ट्वीट में क्या लिखा?
सिद्धू के सलाहकार सुरिंदर डल्ला ने ट्वीट करके लिखा है – ''नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से वापस लौटते ही मिशन 2024 शुरू हो जाएगा और पंजाब के अधिकारों की रक्षा जारी रखी जाएगी| सलाहकार ने आगे लिखा- पंजाब आज भी मंदी के उसी दौर में खड़ा है जिससे बाहर निकलने का मॉडल नवजोत सिद्धू जी ने दिया था| पंजाब का इंजन नवा करने की नहीं, बल्कि उसे बदलने की जरूरत है।''
20 मई से पटियाला जेल में बंद हैं सिद्धू
बतादें कि, नवजोत सिंह सिद्धू 20 मई से पटियाला जेल में बंद हैं| सिद्धू ने करीब 34 साल पुराने एक रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट से एक साल की सजा मिलने के बाद खुद को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था| जिसके बाद उन्हें पटियाला जेल में लाकर बंद कर दिया गया| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू को पटियाला जेल में बैरक नंबर 10 में रखा गया है और क्लर्क का काम दिया गया है|
1988 का है रोडरेज मामला
बतादें कि, रोडरेज का यह पूरा मामला दिसंबर 1988 का है। जब पटियाला में सिद्धू की सड़क पर एक बुजुर्ग से झड़प हो गई थी| बताया जाता है कि इस झड़प में मारपीट हुई और जिसके बाद उस बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई| जहां, इस मामले में फिर पटियाला पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहले निचली अदालत में सुनवाई चली| जहां से सिद्धू बरी हो गए|
लेकिन जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। सजा के बाद सिद्धू को इस्तीफा देना पड़ा था| साथ ही सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी को कर दिया था लेकिन बाद में पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सिद्धू की मुश्किलें फिर बढ़ा दीं और अब नतीजा यह रहा कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुना दी|